कविता
केवल सुखों का दस्तावेज नही है
कुछ दुःख भी है इनमे
सुख के साथ
सारे रंग होते है यहाँ
अपने-अपने रंग के साथ ।
कुछ स्याह-सुनहरी यादें
कुछ काले-उजले पल
हर वो क्षण वो भाव जिनमे
जीता है मानव
मरता भी है ।क्यूँ की जीवन शाश्वत है
सुख-दुःख भी शाश्वत है ।
गुथें है एक ही धागे में
कुछ आगे कुछ पीछे
कुछ नन्हे कुछ बड़े
पर सब अपनेपन के साथ है
अपनी जगह घेरे हुए
कम या तो ज्यादा ।
@kanchan
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