Tuesday 6 March 2012

kvita

 कविता 
 केवल सुखों का दस्तावेज नही है 
 कुछ दुःख भी है इनमे 
 सुख के साथ 
 सारे रंग होते है यहाँ 
 अपने-अपने रंग के साथ ।
कुछ स्याह-सुनहरी यादें 
कुछ काले-उजले पल 
हर वो क्षण  वो भाव जिनमे 

जीता है मानव    
 मरता भी है ।क्यूँ की जीवन शाश्वत है 
सुख-दुःख भी शाश्वत है ।
 गुथें है एक ही धागे में 
कुछ आगे कुछ पीछे 
कुछ नन्हे  कुछ बड़े 
पर सब अपनेपन के साथ है 
अपनी जगह घेरे हुए 
कम या तो ज्यादा ।
   @kanchan

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