तुम्हारा होना
एक जीवित एहसास ,
तुम्हारा ना होना
एहसासों का गुम हो जाना
बीहड़ो में ,
या फिर रेत के बवंडर में ,
फिर दूर तक सन्नाटा होता है ।
नही ....
शोर होता है ,
यादों का बीहड़ शोर
जो परे चल जाता है
एहसासों के ।
और यादें
दर्द में तब्दील हो जाती हैं ।
कंचन @
यही कुछ तो होता है................भावपूर्ण और सुंदर !
ReplyDeletethankyou sir.
Deleteबढ़िया है कंचन.....एक शांत और प्यारी सी उदासी......
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