Thursday 5 April 2012

tumhara hona

तुम्हारा होना 
एक जीवित एहसास ,
तुम्हारा ना होना 
एहसासों का गुम हो जाना 
बीहड़ो में ,
या फिर रेत के बवंडर में ,
फिर दूर तक सन्नाटा होता है ।
नही ....
शोर होता है ,
यादों का बीहड़ शोर 
जो परे चल जाता है 
एहसासों के ।
और  यादें 
दर्द में तब्दील हो जाती हैं ।
     कंचन @ 

3 comments:

  1. यही कुछ तो होता है................भावपूर्ण और सुंदर !

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  2. बढ़िया है कंचन.....एक शांत और प्यारी सी उदासी......

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