नव रूपाभ
A platform for literature, culture and creativity . From the group of Club Sapiens.
Thursday, April 12, 2012
Kanchan Neeraj: tumhare bin
Kanchan Neeraj: tumhare bin
: तुम शब्द हो , जो मेरे भावों को व्यक्त करते हो तुम्हारे बिन मैं अव्यक्त रह जाती हूँ . तुम सुगंध हो जो बसती है मेरी देह में जगाती ह...
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment